भारत का जैविक उत्पाद बाजार (खाद - फ्रूट एड़ विजिटेबल) और कल्याण, सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल होता है। भारत का जैविक खाद्य क्षेत्र एक अवसर है, जिसका दोहन किया, जाना बाकी है, मानव पोषण में आर्गेनिक खेती का महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अंधिकाश सब्जियों मे वसा और कैलोरी कम होती है लेकिन वे भारी और पेट भरने वाले होते हैं। वे आहार फाइबर की आपूर्ति करते है, और आवश्यक खनिज तत्वों को के महत्वपूर्ण स्त्रोत है। जैविक विधि द्वारा खेती करने से उत्पादन की लागत तो कम होती है, इसके साथ ही कृषक भाइयो को आय अधिक प्राप्त होती है तथा अंतराष्ट्रीय बाजार की स्पर्धा में जैविक उत्पाद अधिक खरे उतरते है। जिसके फलस्वरूप सामान्य उत्पादन की अपेक्षा मे कृषक भाई अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। फ्रूट एण्ड बेजिटेबल सर्विस टीम भारतीय किसान एवं उनके विकास व कल्याण के लिये पूर्ण से समर्पित तथा संकल्पित है, जिससे कि हमारा किसान जीवन के हर क्षेत्र में आमूलचूल रूप से विकास करे देश को विकसित बनाने के लिये राष्ट्र के किसानों कल्याण व खेती का विकास अनिवार्य है, क्योकि देश की अधिकतम आबादी कृषि पर ही आश्रित है अर्थात जब तक किसान व कृषि का विकास नहीं होगा, तब तक देश का विकास उचित ढंग से हो पाना संभव नहीं है।
यूरोपीय संघ के जैविक खेती नियम जलीय कृषि और खमीर सहित कृषि उत्पादों को कवर करते हैं।
जैविक उत्पादन पर यूरोपीय संघ के नियमों में मछली पकड़ने और जंगली जानवरों के शिकार के उत्पादों को शामिल नहीं किया गया है
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